ई-वोटिंग
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रावायण – सिद्धार्थ अरोरा और मनीष खण्डेलवाल
कहते हैं कि इस दुनिया में हर इंसान में कुछ अच्छाइयाँ और कुछ बुराइयाँ होती हैं पर हम हमेशा उस चेहरे पर ज़्यादा ध्यान देते हैं जो हमें मीडिया द्वारा या आस पास के लोगों या परिवारजनों द्वारा हमें किसी व्यक्ति के बारे में दिखाया जाता हैं. अपना विवेक और …
टेक 3 – कँवल शर्मा
कँवल जी का सिर्फ ये तीसरा ही उपन्यास था पर अब तक कँवल जी उपन्यास जगत में एक मकबूल नाम बन चुके थे. प्रथम उपन्यास मुझे बहुत पसंद आया था और दूसरा थोडा कम पर पसंद वो भी आया था. जब यह उपन्यास आया था तो मैं काफ़ी परेशानियों के …
सेकंड चांस – कँवल शर्मा
वन शॉट के रिलीज़ होते ही मेरे मित्र कँवल शर्मा जी एक दम से बुलंदियों को छू चुके थे. मेरे सहित सभी की उम्मीदें कँवल जी से बहुत अधिक हो गयी थी. हम सब इनके अगले उपन्यास का इंतज़ार कर रहे थे. अगला उपन्यास था सेकंड चांस. उपन्यास के चर्चे …
देजा वू – कँवल शर्मा
पिछले साल में कँवल शर्मा जी की एक क़िताब आई थी ‘देजा वू’. क़िताब आने से पहले ही काफ़ी मशहूर हो गयी थी. कारण था इसका शीर्षक और किताब का विषय ‘देजा वू’. हिंदी भाषियों के लिए ये शब्द इतना कॉमन नहीं था, इस शब्द के अर्थ की कई जगह …
द-लाल, लेखक: विपिन तिवारी
आत्म संवाद
विद आउट मैन
विद आउट मैन (कहानी संग्रह) लेखिका: गीता पंडित मैं ज्यादातर समय से पढ़ नहीं पा रहा था.. इस किताब के शीर्षक ने मुझे थोडा आकर्षित किया तो पढने से खुद को रोक नहीं पाया और अपनी बहुत ज्यादा व्यस्त दिनचर्या से भी वक़्त निकल के पढ़ ही डाला.. इस किताब …
The First Sip of My Morning Coffee
The First Sip of My Morning Coffee By Nikita Tak ‘The First Sip of My Morning Coffee’ written by ‘Nikita Tak’ is a good first attempt from a new writer. It is like a well made khichdi of 3 things- short Poetries, Quotes on various topics and a short Story. …